A Review Of Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



डर से लड़ने के लिए मानसिक शक्ति कैसे बढ़ाएं

ये सभी डर अगर बचपन में समझाए न जाएं, तो वही वयस्क होने पर भी पीछा करते हैं।

वो आदमी इन तरीको से पैसा कमाकर भले ही अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश कर रहा हो, पर हकीक़त ये है की वो खुद को ही धोखा दे रहा होता है.

डर बहुत गहरा या पुराना हो सकता है। यदि आप:

आप कानून से डर सकते हैं लेकिन समाज में आप डर के साथ काम नहीं कर सकते हैं। डर कैसा भी हो सकता है जैसे अधिकारी का डर, अपनों से बड़ों का डर, प्रिय व्यक्ति को खो देने का डर, नौकरी चले जाने का डर या फिर उत्पीड़न का डर। सच्चाई यही है कि मन से डर को कैसे निकालें, यह बात हमें कोई सिखाता ही नहीं है। और जब तक यह डर मन से नहीं निकलता हम कोई भी काम कर पाने में असमर्थ होते हैं। जीवन में डर भोजन में नमक जितना ही अच्छा है। इस लेख में हम मन के डर को कैसे दूर करें इसके रहस्यों के बारे में जानेगें।

उनसे अपने सम्बन्ध अच्छे बनायें रखें. ध्यान रहे भगवान् वो शक्ति है जो आपको किसी भी मुसीबत से उबार सकती है, चाहे पूरी दुनिया ही आपके खिलाफ क्यों ना खड़ी हो.

क्या मैं अपने जीवन की कमान दूसरों के हाथ में दे रहा हूँ?

जैसे – “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ शांतिः शांतिः शांतिः”

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दिखावा करना की आपको डर नहीं है बहुत सरल हैं मगर यहां मन बहाने बनाने लगता हैं बजाए मुड़कर डर का सामना करने के आप इससे पीछा छुड़ाने के विषय में सोचने लगते हैं। डर को आगे बढ़ने के कारक की तरह पहचाने ना कि बहाने बनाने के लिए

इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी भी चीज, स्थान, परिस्थिति और वस्तु को लेकर डर हो सकता है। डर लगने more info की स्थिति में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है।

मनोचिकित्सा मन और शरीर के संबंध पर आधारित होता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

सामाजिक परिस्थितियों में frozen हो जाते हैं

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